खिलते बिखरते फूल

Photo by Annie Spratt on Unsplash

फूल खिलके बिखर जाते हैं
बगिया को इस तरह सजाते हैं

अपने अस्तित्व को मिटा कर
भी बगिया को महकाते हैं

भंवरों की मनमानी सह
कर भी काटे नहीं चुभाते हैं

पराग अपना देकर मनचले
भंवरों की भूख मिटाते हैं

खूबसूरत फूल दूसरों को खुश
कर अपना अस्तित्व मिटाते हैं

मानव को फूल जीवन का पाठ
पढ़ाते हैं फूल सी जिंदगी जियो

अपनों के लिए अपना अस्तित्व मिटाते जाएंगे बिखर के भी अपनी बगिया महकाएगे

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About सरिता अजय साकल्ले 28 Articles
श्रीमती सरिता अजय जी साकल्ले इंदौर मध्य प्रदेश
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