
फूल खिलके बिखर जाते हैं
बगिया को इस तरह सजाते हैं
अपने अस्तित्व को मिटा कर
भी बगिया को महकाते हैं
भंवरों की मनमानी सह
कर भी काटे नहीं चुभाते हैं
पराग अपना देकर मनचले
भंवरों की भूख मिटाते हैं
खूबसूरत फूल दूसरों को खुश
कर अपना अस्तित्व मिटाते हैं
मानव को फूल जीवन का पाठ
पढ़ाते हैं फूल सी जिंदगी जियो
अपनों के लिए अपना अस्तित्व मिटाते जाएंगे बिखर के भी अपनी बगिया महकाएगे