
एक बार हाईड्रोजन, बोली ऑक्सीजन से,
मैं तो स्वयं जलती हूँ, तू सबको क्यों जलाता है।
तुझको क्या मिल जाता है |
ऑक्सीजन बोला, हाईड्रोजन से,
तू मुझसे, दूर रहती है,
मुझको क्यों तड़पाती हो,
जब तू मुझसे मिल जाती,
तो मैं, पानी – पानी हो जाता हूँ।
सबको ठण्डक पहुंचाता हूँ।
सबकी प्यास बुझाता हूँ।
तभी उच्चकर सोडियम बोला पानी से,
तू सबको ठण्डक पहुंचाता है।
सबकी प्यास बुझाता है।
पर हमसे क्यों दुशमनी निभाता है।
जब मैं तेरे पास आता हूँ।
तू मुझको क्यों जलाता है।
पानी बोला सोडियम से, जब तू मेरे पास आता है।
तो मेरी प्रिय हाईड्रोजन को, मुझसे दूर भगाता है।
इसीलिए मुझे गुस्सा आता है।
तुझको खूब नचाता हूँ।
तुझको खूब जलाता हूँ।
तुझसे सोडियम हाईड्रोऑक्डसाइड बनाता हूँ।
तुझको क्षार – क्षार करदेता हूँ।