बरखा, वैक्सीन एवं अन्य हाइकु

बरखा

बरखा ( हाइकु )

बरखा गुम
जग हुआँ बैचेन
प्रभु दो चैन।

भूखा किसान
सूख गए है खेत
जल तो बरसाओ।

आस लगाए
बैठा है जग सारा
कृपा बरसा।

वेक्सीन(हाइकु)

लगे वेक्सीन
कोविशिल्ड लगा ले
या कोवैक्सिन।

सुरक्षा करें
करोना से बचाए
खुशियाँ लाए।

चाँद सूरज ( हाइकु )

सूरज सोया
चाँद के आँचल में
सुबह तक।

छोड़ गया वो
चाँद को दाग दिया
करा बेनूर।

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Image by PublicDomainPictures from Pixabay

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About सुभाष शर्मा 8 Articles
सुभाष शर्मा, इन्दौर (म.प्र.) बैंक आफ बड़ौदा से सेवा निवृत ,वर्तमान में बिल्डर एवं प्रापर्टी ब्रोकर। कविता एवं कहानी लेखन में रूचि ।
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