
11 जनवरी लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन।
विधा -मनहरण घनाक्षरी
लाडला बेटा था नन्हे
हटा पिता का साया तो,
तैरकर शाला जावे,
बहादुर लाल वो।
ललिता के नाथ बने,
रेलमंत्री माँ को कहें,
नौकरी है रेलवे की,
पार सीमा काल वो
मेहनत ही प्रार्थना,
मानता था कर्म पूजा,
पीर ग़रीबों की मिटा,
नेता था कमाल वो।
देश का प्रेरणा पुंज
दिलाता व्रत संकल्प,
अन्न बचा जन जन,
निपटे अकाल वो।
बहुत शानदार