
एक दिन हमारी श्रीमतीजी का चेहरा था तमतमाया,
कहने लगी सुनिये जी, क्या जो अब तक है आटा खाया?
क्या वह इन बैंक वालों से हमने पाया।
मैंने कहा, पहले तुम होओ शांत, फिर सुनाओ पूरा वाक़या।
रुआंसी होकर बोली हमारी प्राणप्रिया ,
मुझको बार बार बैंक से फोन है आता।
हमारे बैंक ने क्रेडिट कार्ड के लिये आपको है चुना,
मैंने कार्ड लेने के लिये उनसे शर्तों के बारे में पूछा।
उनकी बातों में कार्ड के लिये पात्रता होने में उम्र का ज़िक्र आया,
मैंने अपनी उम्र के बारे में उन्हें बताया।
“माफ करना मैडम” हँस कर उन्होंने कहा,
फिर अच्छा कह कर मैंने भी फ़ोन रख दिया ।
चलिये यह तो एक बार का किस्सा हुआ ,
पर अब तो हर रोज बैंक से चार बार फोन है आता ,
और बार बार मुझे अपनी बढती उम्र का एहसास है दिलाता।
मैंने मुस्कुराते हुए कहा तुम्हें बैंक से इसलिये फ़ोन है आता,
क्योंकि उस बैंक में है हमारा “खाता “