
मन की बगिया में
फूल खिले मुरझा गए
आँसुओं से सींचा
वो बह ही गए
बिखरना था जब यूँ
तो खिले क्यों थे
खिलकर यूँ बिखर गए
खिले मन को तोड़ गए
हुनर ना हम में था जो
टूटे मन को जोड़ दे
बगिया में फूल खिले
उन्हें सहेजकर रख लें
मन की बगिया में
फूल खिले मुरझा गए
मन की बगिया में
फूल खिले मुरझा गए
आँसुओं से सींचा
वो बह ही गए
बिखरना था जब यूँ
तो खिले क्यों थे
खिलकर यूँ बिखर गए
खिले मन को तोड़ गए
हुनर ना हम में था जो
टूटे मन को जोड़ दे
बगिया में फूल खिले
उन्हें सहेजकर रख लें
मन की बगिया में
फूल खिले मुरझा गए
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