महिला दिवस

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अतंराष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर समस्त नारी शक्ति को नमन 🙏

मेरे संग की नौ नारियाँ

प्रथम पद मां का,
जो जीवन की प्रथम
पाठशाला ।
लाड़-प्यार और ममता का,
है, उसका अंदाज निराला।।

वही जीवन की,स्वर्णिम भोर,
वही रक्तरंजित शाम है।
वही संघर्ष पथ की प्रेरणा,
वही मेरा अभिमान है।।

दूजा दामन दादी-नानी,
छुपी हुई थी जिनके उर में,
साहस और वीरता की वानी।
सीखा गई जो रटा गई,
आज भी है,वह मुँह जुबानी।।

बहनों ने पाया तीजा स्थान,
रखा हमेशा मेरा ध्यान।
चाहे मैं लड़ती रही कभी मैं,
या देती रही कभी सम्मान।।

चौथी रही शिक्षिका मेरी,
अनुशासन की छड़ी है फेरी।
ज्ञान सुधा के बूंद पिलायें।
कक्का-किक्की,ए,बी,सी,
और आओ इसका पता लगायें।

पंचम-पथ,मेरी सहपाठी
कॉपी- कलम,
या थी कोईं पुस्तक।
दोनों ने मिल जुलकर बाटी।।

छठवें क्रम पर प्यारी भाभी,
सौंप दी जिसको घर की चाबी।
बचपन का आंगन,और क्यारी।
मात-पिता की जिम्मेदारी।।
बेटी बनाकर ब्याहा उसने,
नाता नेक निभाया उसने।।

सप्तम कदम बना था भारी,
जो थी पूज्या सास हमारी।
व्रत-तप, दान-धर्म की आदी,
गृहस्थी की हर बात सिखा दी।।

अष्ठम पास-पड़ोस की सखियाँ,
इसकी उसकी करती बतियाँ।
जिनमे सम्पूर्ण,समाज समाया।
जीवन जीना उन्हीं से आया।।

इन सबके ऊपर एक नाता,
नवमा ननदूल का है आता।
इसी रूप में छिपी है बेटी।
घर में उजियारा कर देती।।
दोनों परिवार की कूंजी है।
जीवन की अंतिम पूँजी है।।

कभी यह लगती सखी समान।
कभी बढ़ाती मेरा मान।।
कभी रही हिटलर की नानी,
पर मेरी हर बात है मानी।

नवधा रूप है नारी के,
मातृशक्ति का है यह मान।
ममता और वात्सल्य की प्रतिमा,
सभ्य समाज की है पहचान।।
इंदिरा-प्रतिभा बनी नही पर,
भारत वर्ष का है अभिमान।।

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About सीमा सुरेन्द्र खेड़े 1 Article
श्रीमती सीमा सुरेन्द्र खेड़े शिक्षा: एम.ए.हिंदी साहित्य व्यवसाय: पोस्ट ऑफिस अभिकर्ता मूल निवास: खुजरात खेड़ा (सनावद, जिला खरगोन)
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