जब तक मुस्कुराती हुई आँखें शेष हैं। तब तक शेष है, गिर जाना और फिर उठकर खड़े होना, हर ज़ख़्म का भरते जाना, माफ़ करना और भूल जाना, अपने सबसे पास वाले व्यक्ति को कहना ये भी गुज़र जाएगा और उसको मना लेना। कम लेने में बहुत सारा देना। और शेष है प्यार जैसा स्वार्थ छोड़कर स्नेह जैसा स्पर्श देना। हर उसकी आँखों में अपनी आँखों की मुस्कान छोड़ना।
अब इस शेष हम और तुम में ये पृथ्वी हमें ताक रही है,
मानव कौल एक भारतीय एक भारतीय रंगमंच निदेशक, नाटककार, अभिनेता और फिल्म निर्माता है।
मानव कौल एक लेखक, भारतीय रंगमंच निर्देशक, नाटककार, अभिनेता और फिल्म निर्माता है।
उन्हें अपनी फिल्म तुम्हारी सुलू के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए 63 वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में नामित किया जा चुका है। [
प्रकाशित किताबें:
ठीक तुम्हारे पीछे - 2017 (कहानी संग्रह)
प्रेम कबूतर - 2018 (कहानी संग्रह)
तुम्हारे बारे में - 2018 (ना कहानी ना कविता)
A night in the hills - 2019 (कहानी संग्रह, ठीक तुम्हारे पीछे का अंग्रेजी रूपांतरण)
बहुत दूर कितना दूर होता है (यात्रा व्रतांत)
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