मेरा देश

मेरे देश

मेरे देश ,,,,

तुम कितनी मत भिन्नताओं में जीते हो,

मेरे देश,,,,

तुम कितनों के धर्मों के संबल हो,

मेरे देश,,,,

तुम कितने दंगाईयों को माफ करते हो

मेरे देश,,,,

तुम हंसकर सबको अपनी गोद देते हो ,,

मेरे देश ,,,,,

तुम्हारा पानी तुम्हारी हवा तुम्हारे पहाड़,,
सब मुस्कुराते है ,,

मनुष्यों को सिखला दो ,,,

एक साथ मुस्कुराना
एक साथ खिलखिलाना, एक साथ मेहनत करना, और सब छोड़कर,,निभाना,,,

केवल एक धर्म,

प्रेम प्रेम प्रेम,,,

और केवल प्रेम

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Photo by Tim Marshall on Unsplash

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About माया कौल 13 Articles
एम ए एल एल बी अध्यक्ष तक्षशिला महिला ग्रामोत्थान समिति अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक परिषद(मातृशक्ति) मालवा प्रान्त जनरल सेकेट्री भूतपूर्व सैनिक परिषद(मातृशक्ति) दिल्ली कौंसलसर, वन स्टॉप सेंटर महिला बाल विकास मास्टर ट्रेनर सेफ सिटी इंदौर गद्य पद्य लेखन में रुचि, संस्कृति साहित्य मंच द्वारा गणतंत्र सम्मान, दीपशिखा सम्मान एवं सृजन साधना सम्मान मिला है।
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