
मेरे देश ,,,,
तुम कितनी मत भिन्नताओं में जीते हो,
मेरे देश,,,,
तुम कितनों के धर्मों के संबल हो,
मेरे देश,,,,
तुम कितने दंगाईयों को माफ करते हो
मेरे देश,,,,
तुम हंसकर सबको अपनी गोद देते हो ,,
मेरे देश ,,,,,
तुम्हारा पानी तुम्हारी हवा तुम्हारे पहाड़,,
सब मुस्कुराते है ,,
मनुष्यों को सिखला दो ,,,
एक साथ मुस्कुराना
एक साथ खिलखिलाना, एक साथ मेहनत करना, और सब छोड़कर,,निभाना,,,
केवल एक धर्म,
प्रेम प्रेम प्रेम,,,
और केवल प्रेम
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Photo by Tim Marshall on Unsplash