यादों की साझेदारी

यादों की साझेदारी

शीर्षक: यादों की साझेदारी

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें
बचपन के ख्वाबों को एक-दूसरे से साझा करें ,
करें याद वो कागज़ की नाव, साईकिल से लगे वो सारे घाव ,
सब , सब साझा करें

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें
मौसम की बहार, वो पहला प्यार ,
अपना इकरार , उनका इनकार ,
सब , सब साझा करें ,

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें
मैय्या का प्यार , बाबा का दुलार
टीचर की मार , खेलों में हार ,
सब , सब साझा करें ,

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें
पत्नी का साथ , हर कदम पर साथ ,
उसके विचार, वो लोक व्यवहार,
सब , सब साझा करें

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें
बिटीया का आना , घर महकाना, रुनझुन, रुनझुन पैरों से आँगन मुस्काना ,
और एक दिन , धन पराया हो जाना ,
सब , सब साझा करें,

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें
नाती-पोतोंका प्यार , नव-ऊर्जा का संचार ,
फिर जीवन से , फिर से प्यार
सब , सब साझा करें ,

आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करें

Image by Michal Jarmoluk from Pixabay

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About नीरज बवेँ 3 Articles
शिक्षा : एम. एससी. ( भौतिक विज्ञान) , एम. बी. ए. (विपणन) रूची : (१) पढ़ना, (२) लिखना (कविताएँ, लघु कथाएँ जैसे लघु-कथा) (३) यात्रा। कार्य : कारपोरेट क्षेत्र में - टेक्सटाइल। ज्ञात भाषा: निमाड़ी, हिंदी, अंग्रेजी और मारवाड़ी।
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