रंग दो नन्द लाल

Photo by Yogendra Singh on Unsplash

मुझे कुछ ऐसे रंग दो नंद के लाल,
तुम्हरे गले में जैसे बैजन्ती की माल।

तुझ संग जोडू ऐसे अपना नाम,
जैसे हो तुम राधा के श्याम।

प्रीत लगालू तुम से ऐसी,
जैसे मीरा सब कुछ बिसरी।

मुझे भी सुनादो तुम एक धुन,
रंग-मंग हो जाऊ मैं संग तुम।

खेलू तुम्हरे संग मैं होली,
आओ कभी हमरी भी टोली।

माखन मिश्री तुमको खिलाऊ,
रंगमें तुम्हरे मैं भी रंग जाऊ।

ग्वाल-वाल सब रंग में उड़ाए,
कोई झूमे कोई गए।

बनाए सब मीठे पकवान,
तुम्ही हो मथुरा, वृंदावन की शान।

सब रंग-रंग खेले तुम्हरे धाम,
तुम्ही नटवर, तुम्ही घनश्याम।

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About वाणी गुप्ता 5 Articles
वाणी गुप्ता, उरई, उत्तर प्रदेश शिक्षा - ड्राइंग एंड पेंटिंग (इंदौर), बैच 2018 रुचि - ड्रॉइंग, पेंटिंग, क्राफ्ट, कविता लेखन। वर्तमान कार्य - प्राइवेट ड्रॉइंग अध्यापिका
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