हंसी एक राम बाण औषधि

Photo by Aman Shrivastava on Unsplash

रोते इस जहां मैं आए और
रुला कर सबको जाना है
इस बीच की जिंदगी को
हंस के गुजारना है

हंसी लबों पे आए जो देखे
खुद कुछ पल के लिए सब कूछ
भूल जाए जो देखे दुनिया उसे
हंसता देख अपने गम भूल जाए

अपने लबों की हंसी से
दूसरों के चेहरे खिल जाते हैं
रामबाण औषधि है हंसी हंसते
चेहरे हर निगाह में समा जाते हैं

दूसरों को हंसता देख हम
अपने गम भूल जाते हैं हम
जो हंसे कुछ पल हमारे अपने
हमें देख वे अपने गम भूल जाते हैं

हंसकर बिताए पल जीवन
बूटी का काम कर जाते
तन्हाई के आलम में भी
हम उन पलों को याद कर
तनहाई में भी मुस्कुराते हैं

अपने लबों की हंसी अपनों
के जख्मों की दवा बन जाती
है विपरीत परिस्थिति में भी
हंसी सबल बन नजर आती है

हंस कर अपनी जिंदगी के
फैसले लिए जाते हैं अपनों
के बीच फासले हंसकर ही
दूर किए जाते हैं

गम हर जिंदगी में खुशी का
दूसरा पहलू नाम लिएआते हैं
गम ही जिंदगी में खुशी का
एहसास कराते हैं

सुख-दुख जिंदगी के दो किनारे
हैं हंसकर ही जीवन की नैया
पार लगाई जाती है हंसी एक
जीवदायनी औषधि है जिंदगी
को खुशहाल बनाती है

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About सरिता अजय साकल्ले 28 Articles
श्रीमती सरिता अजय जी साकल्ले इंदौर मध्य प्रदेश
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