हिंदी और तोर मोर

क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस

तोर मोर कछु जान न पाए
माझा तुझा भी ना पहचाने

हम सबको अपनाते रहते
बहु भाषी पर हिन्द के है हम

काये लला कित जाय रहे हो
देखो कितना रस है इसमें

छोरा छोरी मुल्गा मुल्गी
सब इसमें सानंद विचरते

भाषाएं सब अच्छी होती
सीखो पढ़ो और ज्ञान बढ़ाओ

पर पहले अपनी माता का
वंदन करना पोषित करना

चाची मामी बहन पड़ौसन
सबको निभाना ही पड़ता है

पर माई का हक है ज्यादा
ये तुम ध्यान सदा ही रखना

और हिंदी काव्य पढ़ें

Image by Harish Sharma from Pixabay


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About माया कौल 13 Articles
एम ए एल एल बी अध्यक्ष तक्षशिला महिला ग्रामोत्थान समिति अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक परिषद(मातृशक्ति) मालवा प्रान्त जनरल सेकेट्री भूतपूर्व सैनिक परिषद(मातृशक्ति) दिल्ली कौंसलसर, वन स्टॉप सेंटर महिला बाल विकास मास्टर ट्रेनर सेफ सिटी इंदौर गद्य पद्य लेखन में रुचि, संस्कृति साहित्य मंच द्वारा गणतंत्र सम्मान, दीपशिखा सम्मान एवं सृजन साधना सम्मान मिला है।
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