
तोर मोर कछु जान न पाए
माझा तुझा भी ना पहचाने
हम सबको अपनाते रहते
बहु भाषी पर हिन्द के है हम
काये लला कित जाय रहे हो
देखो कितना रस है इसमें
छोरा छोरी मुल्गा मुल्गी
सब इसमें सानंद विचरते
भाषाएं सब अच्छी होती
सीखो पढ़ो और ज्ञान बढ़ाओ
पर पहले अपनी माता का
वंदन करना पोषित करना
चाची मामी बहन पड़ौसन
सबको निभाना ही पड़ता है
पर माई का हक है ज्यादा
ये तुम ध्यान सदा ही रखना
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