
महाबली हनुमान,
तात तोरे पवमान।
अंजना के लाल प्रभु
जग में पुजाएँ हैं।
रविकर मुख धारे
असुर लाखों संहारे
भगत वत्सल प्रभु
राम को नमाएँ हैं।
सिंधु सात लांघ कर
सीताजी की खोजकर
रामभक्त दूत बन
मुद्रिका दिखाएँ हैं।
प्रभुजी का ध्यान धरो
भगति का पान करो
सच्चे भक्तों पर सदा
निधियाँ लुटाएँ हैं।
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