कूकर की सीटी

कूकर सीटी

शीर्षक : कूकर की सीटी

“दादी ! आज आप बहुत गुस्से में हैं ?”

आठ साल का चिंटू दादी का मुँह देखते-देखते कह रहा था ।

“दादी ! आप तो कभी किसी को कुछ नहीं कहती हैं ।

पर आज आपने पापा मम्मी सबको डांटा ।

क्या हुआ ?”

“दादी! मुझसे भी नाराज हैं क्या ?”

बड़े भोलेपन से उसने कहा ।

तभी किचन से कूकर की सीटी की आवाज आई ।

चिंटू दादी का ध्यान बंटाने के लिए बोला

“दादी! कूकर सीटी क्यों देता है ? सबको बुलाने के लिए ना ?”

“नहीं ..”

“तो ?”

“कूकर का मुँह बंद करने के लिए भारी वजन रख देते हैं ।

अंदर पानी गर्म होकर भाप बनकर थोड़ी थोड़ी हवा निकलती रहती है ।

जब हवा बहुत भर जाती है तो बेचारा कूकर क्या करे ,

जोर से सीटी मारती है ।”

बोलते हुए दादी ने चिंटू को बाहों में भर लिया और कहा

“यदि वो सीटी भी बंद हुई तो कूकर फट भी सकता है।”

और कहानियां पढ़ें : लघुकथा

image courtesy hawkin cooker

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About पूनम झा 1 Article
पूनम झा कोटा,राजस्थान विधा- गद्य एवं पद्य में हिंदी व मैथिली में लेखन २०१४ से साहित्य में लेखन डेढ़ वर्ष तक H for Hindi के संपादक एकल पुस्तक - 1) चौंक क्यों गए (लघुकथा संग्रह)। 2) एकल ई बुक - बेवफा हो तुम दो ब्लॉग, २३ , सांझा संकलन, १५ सम्मान अक्सर पत्रिकाओं एवं अखबारों में रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । अभी तक 350 से अधिक रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है ।
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