
“अरे सुनो ! भागवान परसो हमें मौसी के यहाँ शादी में चलना है। शादी की पत्रिका पहले ही आ चुकी है , आज फोन भी आ गया वाट्सअप पर भी भेज दिया था ।”
शर्मा जी ने अपनी पत्नी विनीता को आदेश देते हुए कहा ।
विनीता फिर बिफर गई ।
“सुनो मैंने पहले भी कहा था हम शादी में नही जायेंगें,
ये समय घर में रहने का है भीड़-भाड़ में या शादी ब्याह में जाने का नही है ,
मैं पहले भी आपको बता चुकी हूँ । मौसीजी को भी मैंने समझाया था ।
मौसी सभी रीती रिवाजों को निभाते हुए घर घर के लोगों के सामने विधि विधान से शादी करना,
ज्यादा ताम झाम मत करना मगर मौसीजी नही मानी।
ज़ब महामारी फ़ैल रही है फिर क्या आवश्यकता है बाहर शादी ब्याह में जाने की ,
जाने कौन वायरस लेकर घूम रहा हो शायद उसे खुद को भी पता नही हो और किसी और को वह अपने चपेट में ले ले ।
“लेकिन विनीता हम मास्क लगाएंगे और दो गज दुरी का पालन करेंगे” – शर्माजी बोले ।
“नही कर, पाते मास्क भी उतर जाता है और दो गज दुरी का पालन भी नही सकते जी”
“लेकिन विनीता सभी आ जा रहे हैं हम नही जायेंगें तो उन्हें बुरा लगेगा , लोग क्या कहेंगे वो हमारे हर काम में आये थे”
“मगर तब कोरोना नही था” विनीता बात काटते हुए बोली।
“अभी तो समय ऐसा है जिसमें दूल्हा दुल्हन , माता पिता और पंडित जी के अलावा कोई नही हो तो भी शादी सम्पन्न हो जायेगी। लोग क्या कहेंगे के डर से मैं किसी संकट को निमंत्रण नही दूंगी”
“क्या – विनीता क्या बात कर रही हो तुम !
तुम तो बिल्कुल अपनी बात पर अड़ी हो ,
अगर तुम्हारी मौसी के यहाँ शादी होती तो तुम जरूर जाती ।”
शर्मा जी का सुर भी ऊँचा हो गया था ।
धीरे धीरे बात तेरे मेरे रिश्तेदारों पर आ गई बहस बढ़ने लगी ।
बाहर टी. वी. देख रही उनकी बेटी मीनू ने बात बढ़ते देखी तो हमेशा की तरह टी. वी. की आवाज़ बढ़ा दी ।
बहस करते हुए शर्माजी और विनीता चुप हो गये अक्सर ही ऐसा होता है
मीनू ज़ब देखती है मम्मी पापा की बहस झगड़े में बदलने वाली है, तब टी. वी. जोर की आवाज़ में चालू कर देती है ।
टी.वी. में समाचार चल रहे थे
“शहर में एक ही परिवार के नौ लोग कोरोना पाजिटिव्ह पाए गये सूत्रों से पता चला है की ये लोग एक शादी समारोह में शामिल होकर लौटे हैं “
शर्माजी और विनीता एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे ।
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