
एक चुहिया थी वह शादी करना चाहती थी पर मनपसंद दूल्हा नहीं मिल रहा था ।
उसने सोचा चलो अपन ही दूल्हा खोजने चले वह आगे बढ़ी रास्ते में एक बड़का झाड़ मिला
उसने कहा “क्यों चुहिया कहां जा रही हो” उसने कहा “शादी करने और पेट भरने के लिए के लिए जा रही हूं”
उस बड़ के पेड़ ने कहा “मेरे साथ ही शादी कर लो”
उसने कहा “तुम तो लंबे-लंबे बड़ी-बड़ी जटा वाले हो तुमसे कैसे शादी”
यह कह कर वह आगे बढ़ गई
रास्ते में एक पीपल का पेड़ मिला अपनी कहानी सुनाते हुए पीपल ने भी कहा मुझसे शादी कर लो उसने उसे मना कर दिया और आगे बढ़ गई
और आगे बढ़ी आगे उसे एक बड़े-बड़े दांतों वाला धोबी मिला उसने भी यही बात कही
“तू मेरे लायक है तू मेरे लायक है मेरे से तू शादी कर ले”
चुहिया बहन ने उसे भी मना कर दिया कहा “तू तो बड़े बड़े दांत वाला है”
आगे बढ़ी उसे चूहा मिला
“अरे कहां कहां जा रही हो ब्याव करने मेरे साथ करोगी उसने कहा “हां तुम मुझे मुझे बहुत ही पसंद आए”
और दोनों ने शादी कर ली दोनों घर गए
चूहे ने कहा “तू पानी गर्म कर तब तक मैं कटिंग करवा कर आया”
चुहिया ने चूल्हा जलाकर पानी खूब- गरम किया इतने में चूहे जी भी घर आ गए और कहा
“लाओ मुझे गर्म पानी दो मुझे नहाना है”
वह गर्म पानी लाई और वह गिर गया चूहे जी के प्राण पखेरू उड़ गए चुहिया रोने लगी
बड़े छोड़ा पीपल छोड़ा दांतरा दांत का का धोबी थोड़ा मेरे राम जी चूहे चंद जी तुम भी मुझे छोड़ कर चले गए
अब मैं क्या करूं खूब रोए जा रही थी
बहुत ही मजेदार