दादी की कहावत

दादी की कहावत

शीर्षक-दादी की कहावत

दादी हमेशा कहती थी।

नक्टो चपटो बेटो कचहरी जाइ न बठ्यो।
श्माम सुन्दर बेटी चूलो जाइ ख फूक्यो।

दादी को अपने लाड़ले पोते रोहित से बहुत प्यार था।

अपनी पोती नेहा को बात बात में छिड़कती रहती थी।

नेहा के मम्मी-पापा नेहा और रोहित दोनों को एक समान प्यार करते थे।

पापा की तो लाड़ली बेटी थी।

नेहा पढ़ाई के साथ साथ घर के कामों में मम्मी की सहायता भी करती थी।

दादी के लाड़ प्यार और हर जिद्दी पूरी करने का परिणाम रोहित को 12 वी पास करने में दो साल लग गए और ग्रेजुएशन में पांच साल।

इधर नेहा ने घर के काम सम्भालने के बाद भी चार्टर्ड अकाउंटेंट की एग्जाम प्रथम श्रेणी में पास कर अच्छी नौकरी करके दादी की कहावत को बदल दिया।

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Image by Photo Mix from Pixabay

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