पहला जन्मदिन

पहला जन्मदिन

नीतू सुबह उठी तो बहुत खुश थी।

आज ससुराल में उसका पहला जन्मदिन था।

उसने भगवान के हाथ जोड़कर अपने सास-ससुर के चरण-वंदन किये और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद पाया।

‘नीतू चाय लाना ‘, पति ने आवाज लगाई|

वह खुशी-खुशी चाय लेकर गई ,पर ये क्या किसी ने भी जन्मदिन विश नहीं किया।

वह दुखी मन से नाश्ता , खाना और अन्य काम करती रही,

आज किसी को भी मेरा जन्मदिन याद नहीं,

मां-पापा के घर होती तो सारा घर सिर पर उठा लेती ,ढेर सारी फरमाइश करती|

लेकिन यहाँ किसी को भी ,यहाँ तक कि रवि को भी याद नहीं।

सारे काम निपटा कर बैठी ही थी कि, सासू मां ने कहा

“सीमा (नीतू की ननद ,जो उसी शहर में थी) की तबियत ठीक नहीं है वह तुम्हें याद कर रही थी वहां चली जाओ,”

अब गुस्से में भरी वह तैयार हो सीमा के घर चली गई।

वहाँ से करीब दो घंटे बाद आई तो दंग रह गई।

पूरा घर सजा हुआ था

सासू मां ने उसकी मनपसंद रस मलाई और केक बनाया था , रवि उसके लिए गिफ्ट लाया था।

सास ने कहा नीतू जल्दी तैयार होकर आओ केक कट करेंगे।

उसका मन भर आया, वह झटपट अपने रूम में गई|

वहां उसकी खुशी का पारावार न था, उसके मां पापा बैठे हुए थे ,

उन्होंने कहा बेटी तेरे सास-ससुर और रवि जी ने हमें दो दिन पहले ही आमंत्रण दे दिया था ।

नीतू आश्चर्य चकित थी , वह दौड़कर अपनी सास के गले लग गई|

यह उसका ससुराल का पहला जन्मदिन हमेशा के लिए यादगार हो गया।।

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Photo by Adi Goldstein on Unsplash

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About जागृति डोंगरे 11 Articles
मैं जागृति श्यामविलास डोंगरे मंडलेश्वर से . पिता --- महादेव प्रसाद चतुर्वेदी माध्या (साहित्यकार) हिन्दी, अंग्रेजी, निमाड़ी मंडलेश्वर शिक्षा --- M. A. हिन्दी साहित्य मैं स्कूल समय से कविताएं लिखती रही हूं , काफी लम्बे समय से लेखन कार्य छूट गया था, अब पुनः शुरू कर दिया । इसके अलावा अच्छी,अच्छी किताबें पढ़ना , कुकिंग का भी शौक है। रंगोली बनाना अच्छा लगता है। कढ़ाई , बुनाई भी बहुत की,अब नहीं करती।
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