कोरोना वाइरस

corona

आज मैं बहुत खुश थी। अखबार में आज कोई बलात्कार का लेख नहीं छपा था । मन को संतुष्टि मिली।

नहीं —–तो आए दिन तीन साल की बच्ची से लेकर चालीस – पचास साल की औरत के साथ बलात्कार एक आम बात हो गई थी।

चलो—– कोरोना वाइरस ने ऐसे राक्षसों को बाहर न निकालने पर तो रोक लगा ही दी आखिर –

अगले दिन सुबह चाय की चुस्की लेते हुए अखबार हाथ में लेकर बैठी ही थी कि—-

ये क्या —-

छः साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसे मार दिया गया । और उसकी लाश को कचरे मे फेंक दिया |

जहाँ कुत्ते नोंच-नोंच कर खा रहे थे।

कैसी विभत्सना है–

कलेजा मुँह को आ रहा था ये सब पढ़कर | ऐसी महामारी में भी दरिंदे ने उस बच्ची को नहीं छोड़ा ।

देश में सबसे कोरोना वाइरस तो हमारे घर , मोहोल्ले , समाज में फैले है जो सिर से लेकर पैर तक वाइरस इनके अंदर छिपा हुआ है।

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About डॉ. विजया त्रिवेदी 6 Articles
नाम- डॉ. विजया त्रिवेदी शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी साहित्य), एम.फिल., पी.एच.डी (हिन्दी साहित्य - लगुकथाओं) विशेष- आकाशवाणी में कम्पेयरिंग, वार्ता, परिचर्चा, यववाणी कार्यक्रम (शिवपरी. म.प्र.) सर्वब्राहमण सहकारी समिति- संचालक शुभांकन पब्लिक स्कूल- उपाध्यक्ष क्षितिज संस्था मंच सदस्य
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