
शीर्षक: हिंदी लेखन
शब्दबोध एक डिजिटल पत्रिका है और इसके लेख ज्यादातर मोबाइल फ़ोन की स्क्रीन पर पढ़े जाते है।
आपका लेख, आपके अपने विचारों की उत्पत्ति है और उसे अपने हिसाब से ही लिखना चाहिए|
पर लेख को पढ़ने में आसान और प्रभावशाली बनाने के हमारे कुछ सुझाव है|
जिन्हें आप अपने लेख के अनुरूप उपयोग में ला सकते है।
रूपरेखा
- लिखने से पहले रूपरेखा, संकेत-बिंदु आदि बनानी चाहिए।
- लेख को समझने में आसान बनाने के लिए, अपने विचारों को एक क्रम में रखा जाता है कि उनका आरम्भ, मध्य और अन्त आसानी से व्यक्त हो जाए और किसी को भी समझने में कोई परेशानी न हो।
- क्रम को निबंध की तरह प्रस्तावना (आरम्भ ), विषय(मध्य) और उपसंहार (अन्त) की तरह भी मन जा सकता है
- लेख की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
लेख की लम्बाई
- लेख सामान्यतः न्यूनतम ३०० शब्दों का होता है, किन्तु इसकी लघुता या विस्तार विषयवस्तु पर निर्भर करता है|
- लेखन के संकेत बिंदु के आधार पर विषय का क्रम तैयार करना चाहिए।
- लेख की लम्बाई के अनुसार उप शीर्षक भी दिए जा सकते है |
- इंटरनेट के सुझाव के अनुसार अच्छी पठनीयता के लिए हर अनुभाग ३०० से ज्यादा नहीं होना|
- तो हर ३०० या उससे काम शब्दों पर उप शीर्षक दिया जा सकता है।
संगत और तर्क
- एक ही बात को बार-बार न दोहराएँ। क्योंकि एक ही बात को बार-बार दोहराने से आप विषय से भटक सकते है और अपने सन्देश को लोगों तक नहीं पहुँचा पाएँगे।
- अनावश्यक विस्तार से बचें, और विषय से न हटें। आपको भले ही संक्षेप में अपने लेख को पूरा करना है, परन्तु आपको ये भी ध्यान रखना है कि आप अपने विषय से न भटक जाएँ।
- ऐसा नहीं होना चाहिए कि कही कोई बात विषय से अलग लगे और पढ़ने वाले का ध्यान विषय से भटक जाए।
- विषय से संबंधित सूक्ति , श्लोक, उद्धरण अथवा कविता की पंक्तियों का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे आपका लेख बहुत अधिक प्रभावशाली और रोचक लगेगा।
- अनुच्छेद के अंत में निष्कर्ष समझ में आ जाना चाहिए यानी विषय समझ में आ जाना चाहिए।
इन सुझावों को आप दूसरे लेखन में भी उपयोग कर सकते है| हम जल्द ही लघुकथा लेखन के सुझाव लेकर आएंगे |
किसी भी सुझाव या प्रश्न के लिए प्रतिक्रिया अपेक्षित है।
हिंदी लेखन
वाह बहुत बढीया जानकारी , धन्यवाद 🙏🙏