बसंत

मेरे शहर बसंत आया
लहराता मुस्कुरा कर आया पिय से मिलने की सौगात लाया

देखकर एक दुजे की हंसी हुई मंद
उर में भरी सुंदर स्पद

प्रिय की अशब्द श्रृंगार मुखर
नत नयनों से आलोक उतर

कापे अधरो पर थर
आया बसंत मेरे शहर

Photo by Zoë Gayah Jonker on Unsplash

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About किरण आर के शर्मा 4 Articles
किरण आर के शर्मा, खरगोन
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Preeti kushwah
Preeti kushwah
2 years ago

Nice