योग संगीत – धनुरासन

धनुरासन

योग संगीत में पुनः आपका स्वागत है !

योग क्या है, इस विषय में एक संक्षिप्त जानकारी पिछले अंक में दी जा चुकी है । अब हम हठयोग पर संक्षिप्त चर्चा करेंगे और धनुरासन का अभ्यास करेंगे !

हठयोग का अर्थ अलग अलग जगह अलग अलग पाया गया है ! अवधारणा है कि हठ ( ज़िद) से किया गया योग जबकि कई जगह इसे सूर्य और चंद्र नाड़ियों में संतुलन समझा गया हैं ।

माना गया है की का अर्थ है पिंगला या सूर्य नाड़ी जो कि दाहिने नासिका से जुड़ी है और हमारे बायें मस्तिष्क से जुड़ती है और इडा नाड़ी जो बायें नासिका से जुड़ी है और दाये मस्तिष्क से जुड़ती है । यह संतुलन प्रायः प्राणमयी कोष यानि प्राणायाम से सिद्ध होता है !

आसन भी इस प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा है । जहाँ प्राण ऊर्जा का संवहन इड़ा और पिंगला नाड़ियों से होता है वहाँ आसन इन नाड़ियों को बाधा मुक्त रखने में सहायक होते है ताकि ऊर्जा का प्रवाह निर्बाध रूप से होता रहे !

हठ योग का सही और नियमित अभ्यास ( प्राणायाम और आसन) हमको सूर्य और चंद्र नाड़ियों में संतुलन बनाने में सहायक होता है ! हठ योग की अतिसुन्दर परिभाषा दिवंगत पूज्य बी के एस आयंगर जी ने दी है —-

हठयोग हमें शरीर को धनुष, आसन को तीर के रूप में और आत्मा को लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल करना सिखाता है ।

बी के एस अयंगर


तो आइए आज हम एक शक्तिशाली बैक बैंड का अभ्यास करे – धनुरासन, अंग्रेज़ी में (Bow pose), धनुरासाना धनुष मुद्रा

यह उत्कृष्ट है लेकिन गहरी बैकबेंड है । इस आसन के कई शारीरिक और मानसिक लाभ है , उनमें से कुछ है —-

  • धनुरासन उदर से जुड़ी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है हृदय को खोलता है ,
  • श्वास नली और फेफड़ों को फैलाता है
  • हमें शरीर में बनाया पुल एन पुश (विपक्ष) के बीच में संतुलन खोजने में मदद करता है जो कि मन की दोगली स्थिति से भी संबंधित है ।
  • परिणाम वश मन और शरीर का सुंदर संतुलन लाभ हमें मिलता है जो परम सुख देने वाला होता है ।

ये भी जानना आवश्यक है कि किन शारीरिक समस्याओं में ये आसन नहि किया जाना चाहिए, वो है

  • उच्च या निम्न रक्तचाप
  • मेरुदंड के निचले हिस्से में दर्द
  • कंधो में किसी प्रकार का दर्द
  • वर्टिगो

आइए इस विडीओ के द्वारा इस आसन का आनंद लें!


आप कोई भी प्रश्न सम्पादक के ज़रिए या कॉमेंट सेक्शन में लिखकर भेज सकते है ।
हम शीघ्रातिशीघ्र उत्तर आप तक पहुँचाने का प्रयत्न करेंगे ।

करे योग, रहे निरोग़

Photo by Simon Rae on Unsplash

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About संगीता बर्वे 3 Articles
श्रीमती संगीता बर्वे (प्रमाणित योग शिक्षिका) मेरा नाम संगीता बर्वे है मैं अभी अमेरिका में रहती हूँ, लेकिन मन भारतीय संस्कृति से कूट-कूट कर भरा है।  मुझे बालपन से हि योग विद्या में रुचि होने से मैंने इस विषय में अपनी राह ढूँढना प्रारम्भ की और नियति ने मुझे स्वामी राम देव जी की ओर प्रवाहित किया । उनसे गहन अध्यापन का अवसर मिलते ही मेरे अंतर में यह अलौकिक अनुभव सभी से साझा करने का विचार उत्पन्न हुआ और मैं इसी कार्य में विदेश आनेके बाद भी संलग्न हो गयी और आज तक यह सेवा प्रभु चरणो में अर्पण कर रही हूँ। परमानंद योग शिक्षा केंद्र इंदौर से मैंने योग शिक्षिका का प्रमाणपत्र ग्रहण किया ।
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2 टिप्पणियां
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Kalpana Upadhyay
2 years ago

Bahut badhiya jankari Babli ! 👌👌

Barkha Sharma
Barkha Sharma
2 years ago

संगीता एक बात बताइए हमें उच्च रक्तचाप वर्टिगो कंधे का दर्द तीनों है,हम क्या करे संतुलन के लिए।
कृपया हमें बताएं।