
Month: जून 2021



कान्हा की निंदिया
कविता शीर्षक: कान्हा की निंदिया कान्हा करे अठखेलियाँ,यशोदा माँ होती है तंग।पास बुलाती, डांट लगाती,कान्हा को दुलारती पुचकारती।कान्हा को फिर पास सुलाती।। माँ यशोदा के […]

सुनहरा बचपन
शीर्षक: सुनहरा बचपन आज खोली जीवन की किताबहर पन्ने पर कुछ इस तरह था,जीवन के खट्टे-मीठे पलों का हिसाब,कभी कड़ी धूप मिली जीवन में,तो कभी […]



धोखा अपनों का
ख़ाली कर गया मुझको, वो अपनों का धोखाकिताब ए ज़ीस्त से मिला वो औहाम का तोहफा ना कोई गमगुसार न ही कोई फरिश्ता रहा,तोहमत में […]

क्या हो तुम
क्या हो तुम …..रूप तेरा ध्रुवतारा , यौवन है जैसे चाँदनी ,प्रेम की आशा लगे , कौन है मनमोहिनी ……….चाल नवयौवना सी है , व्यवहार […]

दहाड़ता मौन
शीर्षक: चरित्रहीन “मैडमजी आप मेरा साथ दोगे ना”? “आप तो कुछ भी नहीं बोल रहे हो मैडमजी”? छुटकी की माँ ने मानसी मैडम को बार […]


सकारात्मक सोच
मन तू न होना कभी अधीर ,संग अपनों के चल रखना थोड़ा धीर।देख अपनों की खुशियांहृदय से रहना सदा भगवन के आभारी,जब आये विपदा तुम […]


एक थी दाई माँ- हीरा
महामारी के दौर में जब चिकित्सा जगत में चारों और लुट मची है । अस्पताल वाले और डाक्टर खूब चाँदी काट रहे है ।मुझे याद […]


जय माँ नर्मदे
जय माँ नर्मदेजय माँ नर्मदे, विंध्यवासिनीजय माँ रेवा हृदयवासिनी! तुम हो जीवन मोक्ष दायिनी,आत्म तारिणी पाप नाशिनी, माँ नर्मदा की है महिमा न्यारी,माँ तो है […]



म्हारों निमाड़ ‘खण्डवा’
हंवू नमन करू ई भक्ता ख$बड़ी दूर सी पैदल अई नहरि दर्शन ऊं कर$जहां भमसार$ सी राेज सबेरे काेयल कर$ रे उजालाे याें खंडवा नगर […]

गणगौर उत्सव
पश्चिमी मध्यप्रदेश अर्थात निमाड़ और मालवा का विशिष्ट आनुष्ठानिक गणगौर उत्सव चैत्र सुदी 10 से चैत्र सुदी 3 तक नौ दिनों मनाया जाता है। यह […]

आम के कलाकन्द
भारतीय पारंपरिक मिठाई कलाकंद में आम के मौसमी टविस्ट के साथ बनता हैं ” आम का कलाकंद “। आम का कलाकंद, आम और दूध का […]

खूब सजा घर
शीर्षक: पुराना घर एक साधारण से कस्बे में एक घर था जिसमे रूठी, मनाई, और लाल, हरे ,पीले, नीले, रहते थे । उस घर की […]

अन्नदाता का सम्मान
अन्नदाता का सम्मान होना चाहिए धरती को सर्वस्व मानकरअपना सर्वस्व न्यौछावर करतारात-दिन ही सेवक बनकरधरणी का हर क्षण मान बढ़ाताअत: अन्नदाता का सम्मान …… वसुधा […]

यादों की साझेदारी
शीर्षक: यादों की साझेदारी आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करेंबचपन के ख्वाबों को एक-दूसरे से साझा करें ,करें याद वो कागज़ की नाव, साईकिल […]

ठहराव या फैलाव
दोनो शब्दो को हम समझे तो दोनो के अर्थ भिन्नता लिए हुवे है। जहाँ एक सीमित ओर रुका हुआ है तो दूसरा खुद का विस्तार […]

लहलहाता समाज या फसल
शीर्षक: लहलहाता मानव समाज दो दिन पूर्व हम खण्डवा के करीब ब्रह्मगिर जहाँ गुरु गादी स्थल है । वहाँ गये। रास्ते मे बहोत ही सुंदर […]



मैंने कोरोना को नहीं हराया
पिछले एक वर्ष से वर्क फ्रॉम होम के चलते मैं घर से ही काम कर रहा था। एक दिन मुझे हल्का बुखार आया शाम तक […]

जानि परत सब कोय
नर और नारी को शिव-शक्ति का रूप माना जाता है, जिसमें नर तो शिव है पर…… नारी? क्या नारी शक्ति का रूप है? उसे आगे बढ़कर एक ऐसे समाज का निर्माण करना है, जिसमें नर नारी एक दूसरे का सम्मान करें।

स्त्री और उसका आकाश
अनंत और व्यापक आकाश और उसमें उड़ान? हम स्त्रियाँ सबको उसके हिस्से का आकाश दे तो सकते है, पर जब स्वयं के जीने की बारी […]

आस्था का पर्व गणगौर
गणगौर पर्व हमारे निमाड़, मालवा अंचल का लोक पर्व है। यह मुख्य रूप से देवी के अनुष्ठान का पर्व है। इस पर्व में हम माता […]



अवसाद कष्ट परेशानियां ईश्वर की कृपा
शीर्षक: ईश्वर कृपा स्वयं प्रकृति ने कुछ नियम बनाए हैं। वे नियम प्रकृति पर ही नहीं वरन संपूर्ण सृष्टि पर भी लागू होते हैं। जो […]

जिम्मेदारी
शीर्षक: जिम्मेदारी कितनी बार कहा तुमसे मेरी चीजों को व्यवस्थित रखा करो कभी भी जगह पर नही मिलती है| भनभनाते हुए भावेश ने कमरे का […]

राजस्थानी मीठे गुना
आज हम राजस्थानी मीठे गुना की विधि बताने वाले है, गुना राजस्थान में गणगौर व्रत के लिये बनाये जाने वाला व्यंजन है, ये मीठा और […]

उन्मुक्त आसमान
आज सुबह से ही बेला अनमनी सी थी । कल ही बिटिया राशि का ऑनलाइन बैंक का इंटरव्यू था, जिसमें उसे प्रथम प्रयास में ही […]


ऑनलाइन परीक्षा
शीर्षक : ऑनलाइन की परीक्षा पहले जब कभी ऑनलाइन, मुंह से निकलता था| तो मुझे मेरी बुद्धिमता पर भयानक रूप से विश्वास होता था| मैं […]

होली – काश ऐसा हो जाए
मुखौटे हटे असली रंग सामने आयेंदूसरों को नहीं हम खुदको पहचानेहृदय में श्याम समा जायेंसारा संसार बृज नजर आयेंकाश, ऐसी होली अबके बरस आयें। अहंकार […]


मेथी का पराठा
आज मेथी का पराठाबणाया मन बइण जरा रुकजाेकांदा, काटयां मन दुई चारटमाटर भी नाखयां दुई चारखाेबज लसुण न आदाेहरी मिर्ची का साथजरा साे लाेण वाे […]

कन्या पूजन
नन्ही सी वैष्णवी आज अत्यंत खुश थी। नवरात्रि का अंतिम दिन , उसे कन्या भोजन करने जो जाना था। सुबह ही मम्मी ने नहला दिया, […]

ग़ज़ल – रेत फिसल रही है
शीर्षक: ग़ज़ल – रेत फिसल रही है रेत फिसल रही हाथों सेथाम ले तू, मीठी बातों से। अपने घर पराए हो गएसुनकर पराई, बातों से। […]

मैडम रीतादास
अंग्रेजी की शिक्षिका, एक सामान्य महिला, दिखने में तो उनका कद सामान्य था, रंग गेहुँआ। वे प्रतिदिन स्कूल आती थी। हा . से. कक्षाओं में […]

हमारे दादा जी – एक हकीकत
बहुत ही पुरानी बात है करीब 40-50 साल पुरानी वैसे तो मेरे दादा जी बहुत ही सरल स्वभाव के थे| हंसमुख व प्रसन्न चित रहने […]

राम पर क्या लिखूँ
राम पर क्या लिखूँ मेरी कलम में इतना सामर्थ्य नही की राम अनंत महिमा कह सकूँ । मेरे शब्दों में इतनी भक्ति नही की राम […]



पलाश की होली
शीर्षक : पलाश की होली अलसाये से घने जंगलों मेंपलाश की कली मुस्काई सी, सूखी सूखी पतझड़ की साखों परबसन्त की कोपल देख धरा फिर […]

रंगीली होली
सारी रात बेनीप्रसाद जी सो नही पाए , पिछले पाँच वर्षों से उनकी रातें बेचैनी में ही कटती थी| किन्तु हर होली की पहली रात […]

साँवरे जब से तुम मेरे मन को भाए
शीर्षक: समाए साँवरे जब से तुम मेरे मन को भाए,मेरी दुनिया सारी तुम्हीं में समाए। साँवरे जब से तुम मेरे नैनों में समाए,मेरी आँखों में […]

सपनों की उड़ान
जानवी जो एक छोटे से कस्बे में रहती थी। जिसे कला में बहुत रुचि थी। वह घर पर पड़े फालतू की वस्तुओं से कुछ भी […]

ओशो वाणी : सुनो भाई साधो
परमात्मा के प्रेम में डूबे हुए परमशक्ति से मिलन की राह में चलने वाले पथिकों जैसे रैदास, मीरा, नानक, कबीर के बारे में ओशो ने […]

कुल्हाड़ी का शोरबा
शीर्षक: कुल्हाड़ी का शोरबा सन्ध्या शर्मा मण्डलेश्वर मैं भी अपने बचपन की एक कहानी सुनाती हूँ | एक बार एक शिकारी शिकार करते हुए बहुत […]

बेटी का निर्णय
शीर्षक: कष्ट ‘अब आप कुछ दिन यहीं रहिए! हर बार का बहाना की अगली बार रहने के लिए आऊँगा इस बार नहीं चलेगा !’ बहुत […]

कब सोचा था
कब सोचा था जिंदगी इतनी थम जायेगीन ऑफीस होगा, न बाजार होगादिन रात बस घर में, मैं और मेरा परिवार होगा कब सोचा था मानव […]


हाथी से दाँत
शीर्षक: हाथी से दाँत आज बाजार में सब्जी खरीदते समय मेरी कॉलेज की सहेली सुदर्शना मिल गई। इतने सालों के बाद एक दूसरे को देख […]



जीवन या मृत्यु
शीर्षक: जीवन या मृत्यु कल रात से माँ से वीडियो कॉल पर बात की तभी से मन द्रवित है, साहिल व उसकी पत्नी स्वाति और […]

वैधव्य की पीड़ा
शीर्षक: वैधव्य की पीड़ा आज मुझे मेरी प्रिय सखी शीला बाजार में मिल गई थी, हम दोनों का एक ही शहर में विवाह हुआ था| […]

श्राप या आशीर्वाद
“मेडम जी , आज तो आपका करवाचौथ का उपवास होगा | वैसे….., कुछ सोचकर, मेडम जी , एक बात पूछूँ? आपको मैंने इतने साल से […]

आंखें या दिल
शीर्षक: आंखें या दिल ८ वर्षीय किशन आज बहुत खुश है, आज वो अपनी नई आंखों से अपनी नई मां को देखने वाला है। बस […]

सूक्ष्म लघु कथाएँ
शीर्षक: सूक्ष्म लघुकथा भाग एक १. सबक तीन तारीख को महरी का हिसाब करती हुई मालकिन बोली- “रामरती तूने पिछले महीने दो दिन बिना बताए […]