तू मुझे आगे ले चल

माँ

28 जून, 2021 नूतन भट्ट 0

मां तू ही मेरा आज है,तू ही मेरा कल,हाथ थाम कर मेरा,तू मुझे आगे ले चल । तेरी परवाह होती है,मुझे आजकल,हाथ थाम कर मेरा,तू […]

वटवृक्ष

वटवृक्ष

28 जून, 2021 माया कौल 0

शीर्षक: वटवृक्ष मुझे इस अधूरे पन में भी,कितनी पूर्णता का ,एहसास मिलता है,,,, क्या बताऊँ??????जिंदगी बहुत छोटी है ,पर न जाने क्यों ,, वो अपने […]

कान्हा की निंदिया

कान्हा की निंदिया

कविता शीर्षक: कान्हा की निंदिया कान्हा करे अठखेलियाँ,यशोदा माँ होती है तंग।पास बुलाती, डांट लगाती,कान्हा को दुलारती पुचकारती।कान्हा को फिर पास सुलाती।। माँ यशोदा के […]

बचपन

सुनहरा बचपन

शीर्षक: सुनहरा बचपन आज खोली जीवन की किताबहर पन्ने पर कुछ इस तरह था,जीवन के खट्टे-मीठे पलों का हिसाब,कभी कड़ी धूप मिली जीवन में,तो कभी […]

उड़ान

उड़ान

लघु कथा: उड़ान जब जन्म हुआ उसका तो घर के सदस्यों ने नाक भौंह सिकोड़ी , क्योंकि वह एक लड़की थी। केवल उसकी माँ थीं, […]

क्या हो तुम

क्या हो तुम

27 जून, 2021 नीरज बवेँ 0

क्या हो तुम …..रूप तेरा ध्रुवतारा , यौवन है जैसे चाँदनी ,प्रेम की आशा लगे , कौन है मनमोहिनी ……….चाल नवयौवना सी है , व्यवहार […]

चरित्रहीन दहाड़ता मौन

दहाड़ता मौन

26 जून, 2021 मंजुला दुबे 0

शीर्षक: चरित्रहीन “मैडमजी आप मेरा साथ दोगे ना”? “आप तो कुछ भी नहीं बोल रहे हो मैडमजी”? छुटकी की माँ ने मानसी मैडम को बार […]

रिश्ते जो निभ नही पाए

रिश्ते

25 जून, 2021 माया कौल 0

बड़ी खूबसूरत कहानियां गढ़ पाए,वो रिश्ते जो निभ नही पाए,,,,, वो रिश्ते जो अनछुए से रह गए,वो ही राधा को दर्शन दे गए,,, वो सुदामा […]

तू है प्रकृति का अंग

प्रकृति

मानव मत भूल तू है प्रकृति का अंग,सीख ले प्रकृति संग जीवन के ढंग।सीख परोपकार के ढंग धरा से सीख सहनशीलता,आकाश से ले सीख हृदय […]

छल

छल

25 जून, 2021 किरन केशरे 0

शीर्षक : छल आज लड़के वाले रूपल को देखने आने वाले थे, पढ़ी लिखी रूपल आकर्षक नैन नक्श वाली मध्यम वर्ग की थी । लड़के […]

जय नर्मदा माई

जय माँ नर्मदे

24 जून, 2021 रश्मि मोयदे 0

जय माँ नर्मदेजय माँ नर्मदे, विंध्यवासिनीजय माँ रेवा हृदयवासिनी! तुम हो जीवन मोक्ष दायिनी,आत्म तारिणी पाप नाशिनी, माँ नर्मदा की है महिमा न्यारी,माँ तो है […]

मुक्ति नही चाहती औरत

मुक्ति

मुक्ति नही चाहती औरतना ही आज़ादी चाहती है अपने बन्धनों से। बंधी रहना चाहती है वह अपने कर्त्तव्यपथ से..ममता की डोर से बंधना ही उसकी […]

भूख

भूख

24 जून, 2021 सारिका जोशी 0

अम्मा …, ओ… अम्मा, अरे ! कहाँ रह गई थी तू ? मुनिया और मैं कब से रास्ता देख रहे हैं तेरा। चल ,जल्दी से […]

आम का कलाकंद

आम के कलाकन्द

6 जून, 2021 सुमन पूरे 0

भारतीय पारंपरिक मिठाई कलाकंद में आम के मौसमी टविस्ट के साथ बनता हैं ” आम का कलाकंद “। आम का कलाकंद, आम और दूध का […]

पुराना घर

खूब सजा घर

6 जून, 2021 माया कौल 0

शीर्षक: पुराना घर एक साधारण से कस्बे में एक घर था जिसमे रूठी, मनाई, और लाल, हरे ,पीले, नीले, रहते थे । उस घर की […]

अन्नदाता का सम्मान होना चाहिए

अन्नदाता का सम्मान

6 जून, 2021 डॉ. आशा शरण 0

अन्नदाता का सम्मान होना चाहिए  धरती को सर्वस्व मानकरअपना सर्वस्व न्यौछावर करतारात-दिन ही सेवक बनकरधरणी का हर क्षण मान बढ़ाताअत: अन्नदाता का सम्मान …… वसुधा […]

यादों की साझेदारी

यादों की साझेदारी

6 जून, 2021 नीरज बवेँ 0

शीर्षक: यादों की साझेदारी आओ मिलजुल कर कुछ यादें ताजा करेंबचपन के ख्वाबों को एक-दूसरे से साझा करें ,करें याद वो कागज़ की नाव, साईकिल […]

अमलतास

अमलतास

विषय: अमलतासविधा: तांका ५,७,५,७,७ मनमोहक,पहने पीताम्बर,अमलतास,हर पल मुस्काए,चले सज संवर । वृक्ष श्रृंगार,पहने पीत झूमर,पुष्प बिछाए,सहत सूर्य ताप,झूमे ये अंग अंग। मौन तपस्वी,वसुन्धरा वैरागी,छनती धूप,मधुरिम […]

विष्णु के अवतार

अवतार

शीर्षक: विष्णु के अवतार परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।। भगवान कहते हैं, कि प्रत्येक युग में मैं धर्म की स्थापना व […]

जानि परत सब कोय

जानि परत सब कोय

नर और नारी को शिव-शक्ति का रूप माना जाता है, जिसमें नर तो शिव है पर…… नारी? क्या नारी शक्ति का रूप है? उसे आगे बढ़कर एक ऐसे समाज का निर्माण करना है, जिसमें नर नारी एक दूसरे का सम्मान करें।

अमृतपान

अमृतपान

शीर्षक: अमृतपान मानसी और राज दोनों पवित्र नगरी के भ्रमण पर निकले थे। उन्हें नाव में बैठकर सामने किनारे पर जाना था। मानसी ने देखा […]

जिम्मेदारी

जिम्मेदारी

शीर्षक: जिम्मेदारी कितनी बार कहा तुमसे मेरी चीजों को व्यवस्थित रखा करो कभी भी जगह पर नही मिलती है| भनभनाते हुए भावेश ने कमरे का […]

मेंगो रोल की विधी

आम का रोल

2 जून, 2021 सुमन पूरे 0

मेंगो रोल की सामग्री मिडियम साईज के 3-4आम १ बड़ा चम्मच शुद्ध घी डेढ कप शक्कर २०० Grm. मावा १०० Grm. मिल्क पावडर कटे हुए […]

ऑनलाइन की परीक्षा

ऑनलाइन परीक्षा

2 जून, 2021 माया कौल 0

शीर्षक : ऑनलाइन की परीक्षा पहले जब कभी ऑनलाइन, मुंह से निकलता था| तो मुझे मेरी बुद्धिमता पर भयानक रूप से विश्वास होता था| मैं […]

काश ऐसी होली

होली – काश ऐसा हो जाए

मुखौटे हटे असली रंग सामने आयेंदूसरों को नहीं हम खुदको पहचानेहृदय में श्याम समा जायेंसारा संसार बृज नजर आयेंकाश, ऐसी होली अबके बरस आयें। अहंकार […]

कन्या भोजन

कन्या पूजन

नन्ही सी वैष्णवी आज अत्यंत खुश थी। नवरात्रि का अंतिम दिन , उसे कन्या भोजन करने जो जाना था। सुबह ही मम्मी ने नहला दिया, […]

शिक्षिका

मैडम रीतादास

अंग्रेजी की शिक्षिका, एक सामान्य महिला, दिखने में तो उनका कद सामान्य था, रंग गेहुँआ। वे प्रतिदिन स्कूल आती थी। हा . से. कक्षाओं में […]

लगाव

लगाव

शीर्षक: लगाव सुशीला अपने बीमार बेटे मिन्टू के साथ अस्पताल से घर आ रही थी रास्ते मे मिन्टू ने अपनी मां से उत्सुकता से पूछा- […]

पुस्तकें मन बहलाती

पुस्तकें

शीर्षक : पुस्तकें मन बहलाती पुस्तकों से है, हमारा सबका नातापढ़कर पुस्तकें, व्यक्ति ज्ञान पाता।पुस्तकों को हम सब रखें , सम्भाल,पुस्तकें है, हमारी भाग्य -विधाता!! […]

पलाश की होली

पलाश की होली

शीर्षक : पलाश की होली अलसाये से घने जंगलों मेंपलाश की कली मुस्काई सी, सूखी सूखी पतझड़ की साखों परबसन्त की कोपल देख धरा फिर […]

रंगीली होली

रंगीली होली

सारी रात बेनीप्रसाद जी सो नही पाए , पिछले पाँच वर्षों से उनकी रातें बेचैनी में ही कटती थी| किन्तु हर होली की पहली रात […]

नववर्ष ये प्रकृति का

नववर्ष

नववर्ष ये प्रकृति का है, और सृष्टि इसे मनायेगी। पल्लवित होंगे पुष्प-पत्र नव,नव अंकुर नज़र आयेंगे।। गीत ये सृष्टि कर्ता के कौशल का है,सर्व जगत […]

हाथी से दाँत

हाथी से दाँत

1 जून, 2021 ममता शर्मा 0

शीर्षक: हाथी से दाँत आज बाजार में सब्जी खरीदते समय मेरी कॉलेज की सहेली सुदर्शना मिल गई। इतने सालों के बाद एक दूसरे को देख […]

आंखें या दिल

आंखें या दिल

1 जून, 2021 शीतल जोशी 0

शीर्षक: आंखें या दिल ८ वर्षीय किशन आज बहुत खुश है, आज वो अपनी नई आंखों से अपनी नई मां को देखने वाला है। बस […]

सूक्ष्म लघुकथा भाग एक

सूक्ष्म लघु कथाएँ

1 जून, 2021 विभा भटोरे 1

शीर्षक: सूक्ष्म लघुकथा भाग एक १. सबक तीन तारीख को महरी का हिसाब करती हुई मालकिन बोली- “रामरती तूने पिछले महीने दो दिन बिना बताए […]