संशय 1 जून, 2021 कोमल राजेंद्र साकल्ले 0 ‘कल नहीं , आज ही आइये ‘ कंपनी एच. आर. ने ज़ोर देकर कहा । मैं इंजीनियरिंग खत्म कर नौकरी की तलाश में थी । […]
एहसास 4 फ़रवरी, 2021 कोमल राजेंद्र साकल्ले 0 समंदर की लहरें जब भीमुझसे टकराती है ,तब तब मुझे तेरीयाद सताती है । लहराती हवा जबमहसूस करता हूँ मैं ,तू झूमती हुईनज़र आती है […]