अपनेपन का ढोंग

ढोंग

2 अगस्त, 2021 मंजुला दुबे 1

शीर्षक: अपनेपन का ढोंग जब प्राण पखेरु उड़ गया,तब तुमने एक दिया जलाया।जीवन भर दुःख का अंधेरा दिया,अब इस उजाले का ढोंग किया।। ‌‌जब प्राण […]

चरित्रहीन दहाड़ता मौन

दहाड़ता मौन

26 जून, 2021 मंजुला दुबे 0

शीर्षक: चरित्रहीन “मैडमजी आप मेरा साथ दोगे ना”? “आप तो कुछ भी नहीं बोल रहे हो मैडमजी”? छुटकी की माँ ने मानसी मैडम को बार […]

अमृतपान

अमृतपान

शीर्षक: अमृतपान मानसी और राज दोनों पवित्र नगरी के भ्रमण पर निकले थे। उन्हें नाव में बैठकर सामने किनारे पर जाना था। मानसी ने देखा […]