
हिंदी और तोर मोर
तोर मोर कछु जान न पाएमाझा तुझा भी ना पहचाने हम सबको अपनाते रहतेबहु भाषी पर हिन्द के है हम काये लला कित जाय रहे […]
तोर मोर कछु जान न पाएमाझा तुझा भी ना पहचाने हम सबको अपनाते रहतेबहु भाषी पर हिन्द के है हम काये लला कित जाय रहे […]
शीर्षक: गुड़िया की शादी क ख ग घ नाच रहे हैझ झाड़ी में उलझ गया है,अ ब स को कौन बुलाये,,,ढ से ढोल को कोई […]
शीर्षक: पुराना घर एक साधारण से कस्बे में एक घर था जिसमे रूठी, मनाई, और लाल, हरे ,पीले, नीले, रहते थे । उस घर की […]
अनंत और व्यापक आकाश और उसमें उड़ान? हम स्त्रियाँ सबको उसके हिस्से का आकाश दे तो सकते है, पर जब स्वयं के जीने की बारी […]
शीर्षक : ऑनलाइन की परीक्षा पहले जब कभी ऑनलाइन, मुंह से निकलता था| तो मुझे मेरी बुद्धिमता पर भयानक रूप से विश्वास होता था| मैं […]
शीर्षक : क्षणों को जीते जाना उम्र को सहते जाना,क्षणों को जीते जाना,लो माला गूंथ ली,,,और वक्त सरक गया, दीनता और हीनता,,गुनगुनाते मच्छरों की भांतिहर […]
शीर्षक: धीरे धीरे रे मना आज मैंने धीरे-धीरे सूरज उगते हुए देखा आज मैं बहुत जल्दी उठ गई। बहुत जल्दी माने 4:00 बजने को 10:00 […]
इन दिनों बहार का मौसम है,,नही समझे आप लोग अरे कॅरोना की बहार है,,,यूँ तो बहार का मौसम आता है और अपने निश्चित समय मे […]
माह में मधु का प्रवेश हो रहा है, और जीवन में बसंत का उद्भव,, कामदेव ,,,,,,अपनी सज धज में मगन है,उनकी भावनाएंलता, फूल, पेड़, सब […]
बसंत ढेर से रंगों को ,मन में घोल देता है ,,केवल घोलता ही नहीं है,उन रंगों को बिखेर देने को ,आतुर भी दिखता है,कुछ रंग […]
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