
हिन्दी वतन की शान
हिन्दी भारत की मातृ भाषा हिन्दी वतन की शानआओ सब मिलकर बढ़ाएं हिन्दी भाषा का मान अपनेपन की बोली हर हिंदुस्तानी अपनाएंदेश की धरोहर संस्कृति […]
हिन्दी भारत की मातृ भाषा हिन्दी वतन की शानआओ सब मिलकर बढ़ाएं हिन्दी भाषा का मान अपनेपन की बोली हर हिंदुस्तानी अपनाएंदेश की धरोहर संस्कृति […]
झरने की झंकार सुनअनमने पेड़ झूम जातेवीरान वादियों मेंखुश हो लहराते झरने कल कल यू बहतेपर्वतों को चीर राह चुन लेतेअपनी मौज में बहतेबरखा में […]
ये करोना से म्हारे बढ़ो डर लागे घर- घरमें पग पसारे, जो सुनी लेउ लोगां की बाता हाथ पाँवम्हारा फुलि जावे, दवाखाना मं जगा नई […]
शीर्षक : बंद दरवाजा की दस्तक हर तरफ अब खामोशी छाई बंद दरवाजे कीदस्तक कानों में सुनाई ,सिमट के रखा खुद को अपनो के संग […]
फूल खिलके बिखर जाते हैंबगिया को इस तरह सजाते हैं अपने अस्तित्व को मिटा करभी बगिया को महकाते हैं भंवरों की मनमानी सहकर भी काटे […]
पर्यावरण का विनाश पतझड़ बीता सावन आया मौसमने ली अंगड़ाई फ़िज़ा में रंग बिखरे अब पपीहे कीगूंज सुनाई पंछियों की धरा पर चहचहाहट यह गूंजकानों […]
गुरु बिना ज्ञान ना जग में मिल पातागुरु ही शिष्य का जीवन खुशहाल बनाता गुरु स्वर्ग के सिंहासन में नजर आताबिन गुरु की आज्ञा ईश्वर […]
फूल खिलके बिखर जाते हैंबगिया को इस तरह सजाते हैं अपने अस्तित्व को मिटा करभी बगिया को महकाते हैं भंवरों की मनमानी सहकर भी काटे […]
रोते इस जहां मैं आए औररुला कर सबको जाना हैइस बीच की जिंदगी कोहंस के गुजारना है हंसी लबों पे आए जो देखेखुद कुछ पल […]
सुनकर मुरलीकी धुन कान्हाको ढूंढेवृंदावन ले गुलाल सखासंग खेले होलीकान्हा राधासंग भर पिचकारी सखी दौड़ी आई बरसानियासे गोपीयोसंग माखन मिश्री खाए कान्हा झूमे नाचेसखा गोपियोंसंग
जिंदगी का पथ है बड़ा निरालाकभी धूप कभी छांव। वाला सुख दुख दो पंथ पर चलताहै यह जिंदगी का रथ निराला कभी अपने कभी पराए […]
अबला नहीं वह सबला है नारीही शक्ति का रूप कहलाती है कभी काली कभी चंडीकभी सती बन जाती है अपने हक को पाने रणभूमिमें ले […]
‘हाइगा’ लेखन की जापानी विधा है ,जिसमें चित्र को आधार मानकर काव्य की रचना की जाती है। कभी धूप कभी धुंधगगन में छाई लहराईसूरज की […]
मन चंचल मन बावरा मनसमझ ना पाएखेलने की उम्र में बालक बोझ ढोतानजर आएयह कैसी मजबूरी बचपन हाथों सेनिकला जाएकर में किताब की जगह बोझ […]
विषय: शमा येशमाजलकेदिखाएगीगम के तममे डूबे इंसानको राह बताएगी विषय: पतंग मॉसखासंग मेपतंग लेखूले आसमातले यू उडाउनव वर्ष मनाऊं Photo by Abhishek Upadhyay on Unsplash
रोते इस जहां मैं आए औररुला कर सबको जाना हैइस बीच की जिंदगी कोहंस के गुजारना है हंसी लबों पे आए जो देखेखुद कुछ पल […]
ओढ़ के लाल चुनरियाचली दुल्हन ससुरालमाथे पर बिंदिया चमकेहाथ चूड़ियां खनके लालओढ़ के लाल चुनरिया मेहंदी का रंग लिए हाथ मेंकजरारी आंखें मे संजोए सपनेछोड़ […]
यह जीवन नश्वर है पल की खबर नहींआज जिए कल गुजरे मौत देती आगाज नहीं जीते जी इस दुनिया में कुछ ऐसा कर जाएना रहे […]
करके सोलह श्रृंगार मेरीबिटिया चली है ससुरालवह नन्हीं सी कली अबफूल बन गई मेरी बगियाछोड़ अपने चमन को चली जहां भी जाएगी अपनीमहक से सबका […]
चमन की कली अब फूलबन गुलशन को महकाएगीदो घरों की आबरू लेजीवन के पथ चलकरमंजिल तय कर जाएगीमुश्किल कितने भी आ जाएअपने पग ना डगमगाएगीशूल […]
आज देश की मिट्टी का तिलककिया जाएहर घर तिरंगा लिए गणतंत्र दिवसमनाया जाएकितने वीरों के बलिदानों के बाद यहघड़ी आई हैसंविधान अपना बने कुर्बानियां देकरजन्नत […]
यह जीवन नश्वर है पल की खबर नहींआज जिए कल गुजरे मौत देती आगाज नहीं जीते जी इस दुनिया में कुछ ऐसा कर जाएना रहे […]
यीशु फिर तुम जन्म लो इस कलयुग में तुम्हें आनाबढ़ गया है पाप जहां में फिर दुनिया को दिखाना यीशु ने जन्म लेकर इंसानियत का […]
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