
नन्हीं सी कली
वह नन्हीं सी कलीशाख़ पर बैठी।मुझे देख धीरे सेशर्माई, मुस्काई। कांटों की गोद मेंअस्तित्व अपना बचाती।एक दिन अचानकजोर से खिलखिलाई। फूल बनकर जग मेंअपनी सुगन्ध […]
वह नन्हीं सी कलीशाख़ पर बैठी।मुझे देख धीरे सेशर्माई, मुस्काई। कांटों की गोद मेंअस्तित्व अपना बचाती।एक दिन अचानकजोर से खिलखिलाई। फूल बनकर जग मेंअपनी सुगन्ध […]
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