बैंक का फोन

10 मार्च, 2021 सुधा केशरे 0

एक दिन हमारी श्रीमतीजी का चेहरा था तमतमाया,कहने लगी सुनिये जी, क्या जो अब तक है आटा खाया?क्या वह इन बैंक वालों से हमने पाया।मैंने […]

प्यारे बचपन

10 मार्च, 2021 सुधा केशरे 0

कल रात फिर से वो मेरे सपने में आया ,आया तो कई बार ,पर कल उसने मुझे बहुत तड़पाया। जानती हूँ, तुम्हें पाना मेरे लिये […]

तुम बिन माँ

माँ

4 फ़रवरी, 2021 सुधा केशरे 0

माँतुम बिनकौन कहेगा अबआजा बेटीमायके कौनजोहे बाटद्वार पर रखेंनयन प्यारभरें कौनपूछे अबसकुशल हो नाअपने घरसपरिवार कौनदे आशीषभरे मेरी झोलीरखे हाथमस्तक माँतुम बिनसुने लगे सारेतीज त्यौहारसंसार […]

स्मृति बिंब

स्मृति-बिंब

6 जनवरी, 2021 सुधा केशरे 0

घर की सफ़ाई करते हुए सोचने लगी, अरे ये क्या? इस घर की धूल भी मुझसे कितना प्यार करती है।रोज रोज मेरे द्वारा झाड़ने के […]