पूर्वजों का ऋण

8 मार्च, 2021 सुषमा चौरे 0

आशा अपनी दोनो बेटियों के खेल रही थी। तभी शर्मा आंटी आई और तिरछी मुस्कान के साथ बोली “खूब मस्ती हो रही है बेटियों के […]

पिता का डर

डर

4 फ़रवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

“ये क्या किया शंकर तुमने, मकान बेचकर तीस लाख बेटे के हाथ में रख दिए! इतना भरोसा ठीक नहीं औलाद पे ।” दोस्तो की बातें […]

आज कुछ अलग हो

आज कुछ अलग हो

3 फ़रवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

आज कोई काम हाथ में मत लो। बरामदे में रखी कुर्सी पर बैठो, और लकड़ी की मेज़ पर पैर फैला लो,और तब तक बैठो जब […]

कुमकुम

सुरक्षा कवच

3 फ़रवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

सुधा की आज वापसी थी ,15 दिन मायके में कब बीत गए पता ही नहीं चला।भाभी ने हल्दी कुमकुम लगा कर विदा किया ,टैक्सी में […]

समन्दर

समन्दर और महामारी

3 फ़रवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

रात भर लहरों ने ,सिर पटक पटक कर,किनारे की रेत को धो दिया,समतल कर दिया किनारा,आभास ही नहीं होता,कोई गुजरा हो रात वहाँ से,दूर तलक […]

कर्तव्य

4 जनवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

ज्योति ने घर के अंदर कदम रखा, अपना बैग बाहर के टेबल पर पटक कर सीधे बाथरूम में घुस गई। नहाकर बाहर आई तो किचेन […]

जिद एक बेटी की

4 जनवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

एक छोटी सी बच्ची थी,जिद करती थी खिलौने की, जिद्द थी नई किताब की।जिद कभी जूते चप्पल की,जिद थी नए कपड़ों की।जिद कभी हलवे की, […]