
ग़ज़ल – रेत फिसल रही है
शीर्षक: ग़ज़ल – रेत फिसल रही है रेत फिसल रही हाथों सेथाम ले तू, मीठी बातों से। अपने घर पराए हो गएसुनकर पराई, बातों से। […]
शीर्षक: ग़ज़ल – रेत फिसल रही है रेत फिसल रही हाथों सेथाम ले तू, मीठी बातों से। अपने घर पराए हो गएसुनकर पराई, बातों से। […]
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