
स्वर्गीय ओमप्रकाश जोशी को श्रद्धांजलि
“तुम बेवजह रुक सकते हो, पर न रुकेगा समय प्रवाहसृजनात्मकता ही बन पायेगी, तेरे कुछ होने का गवाहबीते कल को भूलें, अभी से नव-सृजन प्रवास […]
“तुम बेवजह रुक सकते हो, पर न रुकेगा समय प्रवाहसृजनात्मकता ही बन पायेगी, तेरे कुछ होने का गवाहबीते कल को भूलें, अभी से नव-सृजन प्रवास […]
श्री रामचंद्र व भगवान बुद्ध को छोड़कर अवतारी पुरुषों का जन्म संकटग्रस्त परिस्थितियों में ही हुआ है। वैसे ही रामकृष्ण जी भी किसी विशेष सुखद …
‘ऋषति-गच्छति संसारपारं इति ऋषि:।’ यह ऋषि की व्याख्या है।ऋषि की बुद्धि ईश समर्पित होने से ऋषि चिंतन में मानव को बदलने की शक्ति होती है। […]
स्वामी विवेकानंद के १५० वि जयंती पर नमन
11 जनवरी लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन। विधा -मनहरण घनाक्षरी लाडला बेटा था नन्हेहटा पिता का साया तो,तैरकर शाला जावे,बहादुर […]
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