
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
~सोहन लाल द्विवेदी~
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो,
जब तक ना सफल हो, नींद चैन से त्यागो तुम।
संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नही होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती।
नूतन वर्ष के लिए अभिनंदन!
हमारा यह प्रथम प्रयास “शब्दबोध’ पत्रिका सफलता की कामना लिए प्रस्तुत है।”शब्दबोध” अभी एक नवजात शिशु की तरह है; अब हमें अपनी साहित्यिक कौशलता एवं परिकल्पना द्वारा इसे पुष्पित एवं पल्लवित करना है।
हमारा सम्पादकीय पृष्ठ इस पत्रिका की अंतरात्मा है। “शब्दबोध” के द्वारा साहित्य की विविध विधाओं का चित्रण एवं उनके विचारों की दृढ़ता दृष्टिगोचर होती है।
“शब्दबोध” साहित्य कला एवं परिकल्पना की एक गहरी सोच है; इसके सृजन से हिंदी भाषा का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास निश्चित है।
इस पत्रिका के माध्यम से नवीन हिंदी साहित्यकारों को सम्मान , प्रोत्साहन एवं उनकी उत्कृष्ट रचनाओं को मंच मिलेगा। पत्रिका के माध्यम से हिंदी साहित्य की अभिवृद्धि एवं टंकण के ज्ञान का विकास होगा।
मानव मन का चिंतन ही उनकी रचनाओं द्वारा पत्रिका में प्रतिपादित हुआ है।
हमारी इस पत्रिका में नवीन हिंदी साहित्यकारों का एक समूह जुड़ गया है; उनके इस प्रयास के लिए सभी रचनाकारों को साधुवाद एवं बधाई।🙏🏻
मुझे विश्वास है कि आपकी अपनी पत्रिका “शब्दबोध” सभी पाठकों के लिए ज्ञानवर्धन एवं मनोरंजन हेतु सार्थक होगी।
परिकल्पना एवं परामर्श के समन्वय से मिश्रित यह पत्रिका “शब्दबोध” आप सभी के सम्मुख है।
आभार, सम्पादिका डा. भावना बर्वे ✍️

Photo by Rakicevic Nenad from Pexels
मुझे गर्व है संपादिका माँ पे और उनके इस प्रयास पे 👏🏻👏🏻👏🏻
मेरी और से अभिनंदन और हार्दिक शुभकामनाएं आपके मार्गदर्शन में यह प्रयास सफलता के नए सोपान कायम करें यही कामना
अति उत्तम वेबसाईट। हिन्दी के उत्थान हेतु अति उत्तम प्रयास। मैं संपादिका डॉ. भावना बर्वे का छात्र रह चुका हूं। मुझे प्रसन्नता है कि मेरी कृतियां यहां पर प्रकाशित हो रहीं हैं। धन्यवाद।🙏
सर्वप्रथम आपको इस प्रयास के लिए साधुवाद।
रचनाकारों ने भी न्याय किया है।हर रचना पूर्ण है।बस आप हमारे युवा संत के बारे में बताने से चुक गए।12जनवरी उनकी जन्मतिथि है।
आप उत्तरोत्तर उन्नति करें हिंदी का परिचय सबसे महत्वपूर्ण है।
अप्रतिम, अदभुत एवं प्रशंसनीय। ‘शब्दबोध’ की इस यात्रा में हिंदी साहित्यबोध के ज्ञान की अभिलाषा लेकर मैं सम्मिलित भी हूँ और अति उत्साहित भी हूँ। मेरी ओर से आप सभी को पुनः हार्दिक शुभेच्छा ।
अप्रतिम, अदभुत एवं प्रशंसनीय। ‘शब्दबोध’ की इस यात्रा में हिंदी साहित्यबोध की अभिलाषा लेकर मैं सम्मिलित भी हूँ और अति उत्साहित भी हूँ। मेरी ओर से आप सभी को पुनः हार्दिक शुभेच्छा ।
बहुत बधाई, शुभकामनाएं💐💐, लाजवाब प्रस्तुति, संगीता का भी धन्यवाद हमसे share करने के लिये👍
प्रथम प्रयास बहुत ही बढिया है आगे भी ऐसा ही अच्छी रचनायें प्रकाशित होगी उम्मीद है।
बहुत ही अच्छा काम किया है। बढ़िया लेख है।हमें भी शामिल करने केलिए धन्यवाद।
बच्चे अपनी मां को चुपके से जो सीखा जाते हैं, वह अनमोल है👌👌💐💐
Awesome
शब्दबोध , प्रयास नहीं , यह अनुभव का एक अंशमात्र है
साधुवाद ,
संस्कृति के प्रसार में साहित्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है। नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति का संज्ञान साहित्य के अध्ययन से ही मिलता है। शब्दबोध में भारतीय संस्कृति को सम्मानित स्थान प्रदान किया गया है , दृष्टिगत है।
स्वागत , बधाई , शुभेच्छा 😍🙏🥀
बहुत ही सुंदर है सभी रचनाओं पर आपने सुक्षम प्रकाश डाला है दीदी आपको साधुवाद मुझे अपनी प्यारी नँनद पर गर्व है बहुत बहुत बधाई अनेकों शुभकामनाएं
शब्द बोध वाकई आत्म सुख देने वाला बहुत ही सुंदर रचनाओं यथार्थ से मेल खाती हुए वर्तमान मे प्रतिकूल स्थिति में आत्मा को मल्हम लगाती है हम सभी की दैनंदिनी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण सामग्री से पूर्ण संपादक को साधुवाद आप का प्रयत्न ऊंचाइयों को स्पर्श करेगा एक बार फिर शब्द बोध
के लिए लिए शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर पहल। कुछ समय से ऐसी एक पत्रिका की आवश्यकता अनुभव की जा रही थी। शब्द बोध का कलेवर और प्रस्तुति, दोनों प्रशंसनीय है। यदि इस प्रकाशन के ध्येय भी स्पष्ट कर दिये जायें तो लेखक सही रचनाएँ देंगे, स्तर बनाये रखना सुगम होगा और पाठकों की अपेक्षाएं भी पूर्ण होती रहेंगी।
पहल के लिए भावना जी को बधाईयां और साधुवाद। शब्दबोध उत्तरोत्तर प्रगति करे और उद्देश्य में सफल हो।
सभी को आभार, आप सभी के अपेक्षित सुझाव पर ध्यान रखते हुए उन्हें पूर्ण करने का प्रयत्न करेंगे