
परमात्मा के प्रेम में डूबे हुए परमशक्ति से मिलन की राह में चलने वाले पथिकों जैसे रैदास, मीरा, नानक, कबीर के बारे में ओशो ने अपने प्रवचनों में बहुत ही अच्छी, जानने योग्य बातें कही हैं। उन्हीं में से कुछ अंश आपके साथ साझा कर रही हूँ। “प्रेम के पथिक” के अंतर्गत आज जानेंगे गुरु “दादू दयाल” और उनके शिष्य “वाजिद” के बारे में।
कैसे उनके जीवन में गुरु की खोज शुरू हुई।
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पसंद आने पर “प्रेम के पथिक” कि अगली कड़ी में हम बात करेंगे ” रज्जब ” के बारे में। जिन्हें जगाने वाले भी गुरु दादू दयाल ही थे।
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