अपनेपन का ढोंग

ढोंग

2 अगस्त, 2021 मंजुला दुबे 1

शीर्षक: अपनेपन का ढोंग जब प्राण पखेरु उड़ गया,तब तुमने एक दिया जलाया।जीवन भर दुःख का अंधेरा दिया,अब इस उजाले का ढोंग किया।। ‌‌जब प्राण […]

डेढ़ टिकट

डेढ़ टिकट

लघुकथा शीर्षक: डेढ़ टिकट महानगर के उस अंतिम बस स्टॉप पर जैसे ही कंडक्टर ने बस रोक दरवाज़ा खोला, नीचे खड़े एक देहाती बुजुर्ग ने […]

अपने भगवान

अपने-अपने भगवान

2 अगस्त, 2021 रश्मि स्थापक 1

शीर्षक: अपने अपने भगवान अंग्रेजी भाषा के शिक्षक दुबे जी का एक बड़ा सपना था कि रिटायरमेंट के बाद दोनों बहनों के परिवार के साथ […]

कूकर सीटी

कूकर की सीटी

2 अगस्त, 2021 पूनम झा 0

शीर्षक : कूकर की सीटी “दादी ! आज आप बहुत गुस्से में हैं ?” आठ साल का चिंटू दादी का मुँह देखते-देखते कह रहा था […]