भीख

भीख

21 दिसम्बर, 2022 कमला नरवरिया 0

अमिता जब भी किसी को भीख मांगती देखती तो उसका हृदय द्रवित हो उठता और वह उन्हें कुछ रुपये पैसे देकर उनकी मदद कर देती […]

एलबम

एलबम

—- पुराना एलबम —- “क्या हुआ दामाद जी नीरजा कैसी है” , रोहिणी ने रोते हुए सिद्धार्थ से पूछा। “मम्मी- पापा आप बैठिए, नीरजा ठीक […]

सम्मान की भूख

सम्मान की भूख

25 फ़रवरी, 2022 विभा भटोरे 0

—- सम्मान की भूख —- मणिकांत बाबू सीधे सरल प्राणी थे, घर में गाय जैसी पत्नी, जिसका घर के काम और पूजा पाठ में ही […]

डेढ़ टिकट

डेढ़ टिकट

लघुकथा शीर्षक: डेढ़ टिकट महानगर के उस अंतिम बस स्टॉप पर जैसे ही कंडक्टर ने बस रोक दरवाज़ा खोला, नीचे खड़े एक देहाती बुजुर्ग ने […]

अपने भगवान

अपने-अपने भगवान

2 अगस्त, 2021 रश्मि स्थापक 1

शीर्षक: अपने अपने भगवान अंग्रेजी भाषा के शिक्षक दुबे जी का एक बड़ा सपना था कि रिटायरमेंट के बाद दोनों बहनों के परिवार के साथ […]

कूकर सीटी

कूकर की सीटी

2 अगस्त, 2021 पूनम झा 0

शीर्षक : कूकर की सीटी “दादी ! आज आप बहुत गुस्से में हैं ?” आठ साल का चिंटू दादी का मुँह देखते-देखते कह रहा था […]

राइट नम्बर

15 मार्च, 2021 संगीता सिंह 0

सुहासिनी को जब से पता चला है कि उसे साहित्य जगत का सर्वोच्च सम्मान मिलने वाला है । तब से ही वह खुशी के मारे फूली न समा रही थी आखिर दोगुनी खुशी जो मिली है एक तो उसका नाम, दूसरा उसके ‘राइट नंबर’ का नाम भी था उस सूची में था।

परिणय बंधन

परिणय बंधन

13 मार्च, 2021 डॉ. भावना बर्वे 6

रम्या ने अपने चेहरे को मास्क एवं स्कार्फ से ढक लिया था। रेलवे प्लेटफार्म पर बैठे हुए उसे लगभग दो घंटे हो चुके थे। उसकी […]

पहला जन्मदिन

पहला जन्मदिन

12 मार्च, 2021 जागृति डोंगरे 0

नीतू सुबह उठी तो बहुत खुश थी। आज ससुराल में उसका पहला जन्मदिन था। उसने भगवान के हाथ जोड़कर अपने सास-ससुर के चरण-वंदन किये और […]

पूर्वजों का ऋण

8 मार्च, 2021 सुषमा चौरे 0

आशा अपनी दोनो बेटियों के खेल रही थी। तभी शर्मा आंटी आई और तिरछी मुस्कान के साथ बोली “खूब मस्ती हो रही है बेटियों के […]

विभूति

विभूति

घर पर कंप्यूटर के सामने बैठा विभूति ऑनलाइन फॉर्म भर रहा था तभी जोर से बोला… “मम्मी देखो फिर वही प्रॉब्लम आजकल सब ऑनलाइन हो […]

मर्यादा

22 फ़रवरी, 2021 वीणा मंडलोई 0

जीजी क्यों ,झेल रही हो ,इतने सालों से ?तुम्हें गुस्सा नहीं आता ?नई बहू ,,खीझ रही थी अपनी जेठानी पर ।गुस्से और ,घिन से उबल […]

alone

मज़बूरी

खन्ना के घर पर गहरा सन्नाटा छाया हुआ था | एक दम हष्ट पुष्ट दिखने वाले खन्ना जी को अचानक कोरोना वाइरस ने अपने चपेटे […]

दिशा

नई दिशा

9 फ़रवरी, 2021 किरन केशरे 0

शैली किचन में से पूछते हुए निकली ,…..आज क्या बनाऊँ शाम के खाने में ? उसने देखा पति निलेश बालकनी में कुछ गम्भीर सोच में […]

शगुन

सवाया

9 फ़रवरी, 2021 वीणा मंडलोई 1

तनु ने निमंत्रण पत्रिका माँ-बाबूजी को दी और पैर छुए ।बेटी की शादी में आने की मनुहार की।माँ बाबूजी दोनों गदगद हो रहे थे, नातिन […]

नातरा

जमुना अपने पति के साथ बस में चढ़ी, पति ने खाली सीट देखकर उससे कहा यहां बैठ जा ये सीट खाली है। मैं अभी आता […]

जवान

वतन है जान

7 फ़रवरी, 2021 अनिता शुक्ला 0

दामोदर इस बार लम्बी छुट्टी मिली है ,कब जा रहा है घर ? नहीं अन्ना इस बार नहीं जाना, हमारे जाते ही सरहद पर दुश्मनों […]

पिता का डर

डर

4 फ़रवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

“ये क्या किया शंकर तुमने, मकान बेचकर तीस लाख बेटे के हाथ में रख दिए! इतना भरोसा ठीक नहीं औलाद पे ।” दोस्तो की बातें […]

वात्सल्य

वात्सल्य

4 फ़रवरी, 2021 ममता कानुनगो 0

“मनु ये क्या कर रही है, क्यों आंगन में चावल बिखरा रही है” – नानी ने कहा। मनु बोली- “नानी पेड़ पर चिड़िया के छोटे-छोटे […]

संदूक का रहस्य

रहस्य

4 फ़रवरी, 2021 मेधा जोशी 0

एक गांव में एक बुढ़िया अपने बेटे के साथ रहती थी। उसके पास एक संदूक रखा होता था वह कभी उस संदूक को हाथ लगाने […]

बरगद का पेड़

बरगद

4 फ़रवरी, 2021 पूजा करे 1

मैंने ही इन्हें गाँव से बुलाकर मुसीबत मोल ले ली, किस घड़ी में इन्हें दया करके यहाँ ले आई । इन शब्दों को बड़बड़ाते हुए […]

कुमकुम

सुरक्षा कवच

3 फ़रवरी, 2021 सुषमा चौरे 0

सुधा की आज वापसी थी ,15 दिन मायके में कब बीत गए पता ही नहीं चला।भाभी ने हल्दी कुमकुम लगा कर विदा किया ,टैक्सी में […]

बाबूजी

बाबूजी

“देखों सुमि, बाबूजी का कमरा एकदम साफ सुथरा होना चाहिए, उन्हें सबकुछ व्यवस्थित अच्छा लगता हैं” राहुल लगातार बोले जा रहा था। इतने में सुमि […]

समझौता

भव्य सरकारी बंगला मेहमानों से भरा था… छोटे फूफाजी एक्टिवा की चाबी मांग रहे थे| उन्हें अपने पुराने मित्रों को गुड्डी के शादी का निमंत्रण […]

निकम्मा राजू

निकम्मा

राजू का बचपन से ही पढ़ाई में मन नहीं लगता था। घर में जब भी पढ़ने की बात चलती, एकदम चुप बैठ जाता। डांट पड़ने […]

क्षितिज तक

6 जनवरी, 2021 जागृति डोंगरे 2

नन्ही सी वह बिन मां की बच्ची जब दूसरे बच्चों को अपनी, अपनी मां के साथ लाड़-प्यार और हट करते देखती तो, सोचती कि मेरी […]